दुहाई सरकार! बूझी हुई राख और जूठे पत्तल को बना दिया निलंबन का सबूत

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एसडीपीओ समेत तीन अधिकारियों के निलंबन के मामले ने पकड़ा तूल।शाकाहारी हैं मखदुमपुर के सीओ, फिर भी मछली भोज का लगा आरोप । आनन-फानन में 1:30 बजे रात में दर्ज हुई प्राथमिकी।जहानाबाद. ऐसी है सरकार… जली हुई राख और जूठे पत्तल दिखाकर, सोशल डिस्टेंसिंग तोड़ने का आरोप लगाकर बिहार के जहानाबाद के एसडीपीओ, मखदुमपुर के बीडीओ एवं सीओ को एक झटके में कर दिया निलंबित. मामला कोरोना वायरस महामारी को लेकर लागू किये गये देशव्यापी लॉकडाउन से जुड़ा है. इन हाकिमों पर आरोप है कि इनलोगों ने लॉकडाउन की अनदेखी की है. हालांकि जिन पदाधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, वे बीते करीब 22-24 दिनों से लगातार वरीय अफसरों की जानकारी में जनसहयोग से कोरोनासंकट से जूझते गरीबों के बीच राहत सामग्री का वितरण कर रहे थे. इधर एसडीपीओ प्रभात भूषण श्रीवास्तव, बीडीओ और सीओ के निलंबन पर बिहार सरकार के मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने भी स्पष्ट कहा कि ये सारे अधिकारी उनकी जानकारी में उनके गांव में राहत सामग्री बांट रहे थे. जबकि मंत्री ने शारीरिक दूरी मिटनेको लेकर ज्यादा जानकारी होने से इंकार किया है. इधर बिहार में लगातार बढ़ रही कोरोना वायरस विभीषिका के मद्देनजर लॉकडाउन बढ़ाये जाने के बाद से जहां शासन-प्रशासन पहले की अपेक्षा अधिक मुस्तैदी से डटा है, वहीं कुछ लोग इस त्रासदी में भी अपनी खुराफात से बाज नहीं आ रहे. बहरहाल एकाएक राहत सामग्री वितरण बंद होने से गरीबों की परेशानी भी बढ़ गयी है. इधर हवा-हवाई और तथाकथित फिश पार्टी की जद में आकरनिलंबित होने वाले अधिकारियों का कहना है कि चाय पीने को जान-बुझकर एक षडयंत्र के तहत फिश पार्टीका नाम देकर मामला को जबरन हाईप्रोफाइल बनाया गया है, जबकि सच्चाई कुछ और ही है. चाय पीने के क्रम में कहीं से भी लॉकडाउन-सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन नहीं किया गया है. एसडीपीओ प्रभात भूषण श्रीवास्तव ने इस पूरे मामले को मनगढ़ंत और बड़ा षडयंत्र बतातेहुए कहा कि उन्होंने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है. इधर जहानाबाद के समाजसेवियों ने एसडीपीओ के खिलाफ बगैर जांच के ही आनन-फानन में की गयी निलंबन की कार्रवाई को निंदनीय बताया है. समाजसेवी निरंजन केशव उर्फ प्रिंस ने कहा कि वे बहुतेरे मौके के गवाह हैं जब एसडीपीओ ने जिले की शांति और विधि-व्यवस्था में अहम भूमिका निभायी. साथ ही गरीबों के बीच राहत सामग्री बांटने में भी हमेशा अग्रणी रहे. लॉकडाउन में उनकी महत्ती भूमिका की चारों ओर सराहना की जा रही है. ऐसे मददगार अधिकारी पर कार्रवाई समझ से परे है.एसएस कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ अरूण कुमार और एएनएस कालेज के प्राचार्य डॉ ओमप्रकाश सिंह एवं जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रामाश्रय शर्मा ने कहा कि एसडीपीओ प्रभात भूषण श्रीवास्तव एक कर्मठ अधिकारी रहे हैं. उन्हें कई मौकों पर जरूरतमंदों की मदद करते हुए हर किसी ने देखा है. बेबुनियाद खबर पर बिना उनका पक्ष लिये यह निलंबन कहीं से उचित नहीं है.शाकाहारी हैं मखदुमपुर के सीओ समेत नामजद तीन लोग

लॉकडाउन उल्लंघन मामले में लोगों के बीच हैरत भरी एक खबर जोर पकड़ने लगा है. मखदुमपुर के सीओ समेत मामले में नामजद तीन अन्य लोग शाकाहारी हैं, फिर भी उन्हें इस फिश पार्टी का हिस्सा बताकर मामला को ही हास्यापद बना दिया गया.हालांकि इन लोगों को तथाकथित मछली भोज में शामिल बताया गया है. जबकि सीओ राजीव रंजन बताते हैं कि उन्होंने अपनी जिंदगी में आज तक कभी मीट-मछली नहीं खायी है. इस तरह के आरोप में शामिल अन्य लोगों में मलहचक कुटिया पर निवासी प्रवीण शर्मा और शिक्षाविद एसके सुनील का पूरा परिवार भी शाकाहारी रहा है. ये लोग भी इस फिश पार्टी की जद में आकर नामजद बने हैं.आनन-फानन में 1:30 बजे रात में दर्ज हुई प्राथमिकी

इधर लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में टेहटा ओपी में 1:30 बजे रात में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. टेहटा ओपी के प्रभारी बैरिस्टर पासवान के बयान के आधार पर दर्ज एफआइआर भी गुप्त सूचना पर की गयी है.हालांकि खबर है कि मुख्यालय के निर्देश पर 18 अप्रैल को ही जिले के वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में मामले की जांच हुई है. 19 अप्रैल को पुलिस शिक्षामंत्री के पीए पिंटू यादव के घर की घेराबंदी कर उसे अपने साथ टेहटा ओपी लाती है जहां पूछताछ के बाद प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की गयी.

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