जहानाबाद: ये हैं , प्राथमिक चिकित्सा केंद्र , काको के प्रभारी डॉ शिव कुमार। कितना अच्छा नाम है इनका। लेकिन जब इनका काम सुनेंगे तो आप भी एक बार यह सोचने को बाध्य हो जाएंगे कि ये जनाब डॉक्टर हैं कि ड्रायकुला। दरअसल , ये मौत के सौदागर हैं। ये लाश से भी पैसे वसूलते हैं। बिना नज़राना चुकाए किसी की क्या औकात कि इनसे कलम चलबा ले। नज़राना पेश करते ही ये जनाब जाग जाते हैं और फिर शुरू होता है इनका कारनामा।
ये अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल सुविधा शुल्क वसूलने के लिए ही करते हैं । कहने को तो डॉक्टर इस दुनिया का दूसरा भगवान होता है , लेकिन ये जनाब भगवान के रूप में शैतान हैं… मामला जिले के काको थाना क्षेत्र के खपुरा गांव का है.. यहां अजय कुमार और उनके परिवार वालों पर गांव के ही कुछ लोगों ने धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया। हमले में अजय कुमार बुरी तरह घायल हो गए। उनके सिर में गंभीर चोट अाई। उनके सिर में हथियार बुरी तरह से धंस गए थे। इस बाबत उन्होंने काको थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया। जब इंजरी रिपोर्ट के लिए ये डॉ शिव कुमार के पास गए तो डॉक्टर साहब ने पहले तो टाल मटोल
किया। लेकिन जब अजय ने कानूनी कार्रवाई में उसकी ज़रूरत होने का हवाला देते हुए, रिपोर्ट जल्दी देने की बात की तो डॉक्टर शिव कुमार ने एक दलाल से बात करने के लिए कहा। जब उक्त दलाल से बात की गई तो शुरू हुआ उनके कारनामों का खेल। उस दलाल ने अजय को बताया कि डॉक्टर साहब ग्रवियस इंजरी का रिपोर्ट बनाएंगे। लेकिन इसके लिए आपको बीस हजार रुपए की राशि बतौर नज़राना चुकाना पड़ेगा। नहीं तो शार्पनेस की रिपोर्ट बनाकर वो थाने में भेज देंगे। कई बार फोन पर भी इनसे सुविधा शुल्क की मांग की गई। इन्होंने अपनी माली हालात का भी हवाला देकर डॉ शिव कुमार और उसके दलाल से अनुनय विनय किया।
लेकिन वे ट्स से मस नहीं हुए। इस सुविधा शुल्क के अभाव में रिपोर्ट की स्थिति जस के तस है। कई बार आग्रह किया, हाथ पैर जोड़े, अस्पताल के चक्कर काटे, इधर उधर से थोड़ी बहुत पैरवी भी की।
लेकिन पैसे ने डॉ शिव कुमार के आंख का पानी कुछ यूं उतारा है कि ये जनाबबिना नज़राना के कलम उठना तो दूर बात तक करने को तैयार नहीं। ये है काको अस्पताल और उसके प्रभारी का हाल। बाकी व्यवस्था का तो राम ही मालिक है।